हम जन्मजात हृदय दोष के साथ पैदा हुए बच्चों का समर्थन कैसे करते है? - Blog

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हम जन्मजात हृदय दोष के साथ पैदा हुए बच्चों का समर्थन कैसे करते है?

April 16, 2024 | Contributed by Rahul Ray

हृदय दोष को अच्छे से पता करने के लिए इकोकार्डियोग्राम का उपयोग होता है

यदि किसी बच्चे को जन्मजात हृदय दोष हो तो हम इस प्रकार से मदद कर सकते है

  1. बच्चों के दिल में छेद के लक्षण और इलाज के बारे में अच्छे से जानकारी देना
  2. जन्मजात हृदय दोष का उपचार
  3. सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के बारे में बताना
  4. जन्मजात हृदय दोष का उपचार होने के बाद किस प्रकार से ध्यान रखे
  5. जागरूकता

जन्मजात हृदय दोष – गर्भावस्था के दौरान किसी कारणवश बच्चे के हृदय का विकास नही हो पाता जिसके कारण बच्चे के दिल में छेद हो जाता है और खून का संचार अच्छे से नहीं हो पाता। जन्म के बाद बच्चे को शारीरिक विकास और स्वास्थ की समस्या होने लगती है, जैसे की सांस लेने में तकलीफ होना, बार बार बीमार पड़ना, बार बार निमोनिया होना, वजन न बढ़ना, हाथों और पैरों के नाखून नीला होना इत्यादि। ये दिल में छेद होने के लक्षण हैं। बच्चों के जन्मजात हृदय दोष को अच्छे से पता करने के लिए डॉक्टर पल्स ऑक्सीमेट्री, इलेक्ट्रो कार्डियो ग्राम, इकोकार्डियोग्राम, चेस्ट एक्स रे, एमआरआई इत्यादि का उपयोग करते हैं।

जन्मजात हृदय दोष का उपचार –  यदि किसी बच्चे को जन्मजात हृदय दोष होता है तो परिवार वालो को ज्यादा परेशान होने की जरूरत नहीं है। बच्चे को अगर सही समय पर उपचार किया जाए तो बच्चा ठीक हो जाता है। क्योंकि विज्ञान ने जन्मजात हृदय दोष को ठीक करने का उपचार ढूंढ लिया है और न जाने कितने बच्चे इस दोष के ठीक हो चुके है। जब बच्चे को जन्मजात हृदय दोष होता है, तब परिवार वालो को अपने नजदीक किसी कार्डिक पीडियाट्रिक को दिखाना चाहिए । डॉक्टर बच्चे का जांच करेंगे और इस बात की पुष्टि करेंगे की बच्चे का हृदय दोष दवाई से ठीक हो जायेगा या ऑपरेशन करना पड़ेगा। अगर डॉक्टर बोलते हैं, बच्चे का हृदय दोष ठीक करने के लिए ऑपरेशन करना पड़ेगा तो परिवार वालो को सरकारी और आन्य संस्थाओं के बारे में पता होना चाहिए।

समय पर दिल में छेद के लक्षण पहचानने से बच्चों का उपचार हो सकता है

सरकारी और आन्य संस्था  –

इंडिया में हर एक फील्ड में कोई न कोई संस्था है, जो लोगो के प्रति बिना किसी पैसे के सुख सुविधाएं देते है। चाहें वो शिक्षा हो, स्वास्थ हो, खाना हो, वृद्धा आश्रम हो, आपको हर एक फील्ड में संस्थाएं मिलेंगे।

उसी प्रकार जन्मजात हृदय दोष को ठीक करने के लिए संस्थाएं है। यदि किसी परिवार में बच्चे को जन्मजात हृदय दोष है और डॉक्टर उस हृदय दोष को ठीक करने के लिए पैसे मांगते है और परिवार के पास इतना पैसा नहीं है तो उस समय परिवार वालो को किसी सरकारी अस्पताल में बच्चे का इलाज करवाना चाहिए। अगर अस्पताल में बच्चे के इलाज के लिए देरी हो रही है तो परिवार वालो को किसी संस्था की मदद लेनी चाहिए। संस्था कभी भी इलाज के लिए पैसे नहीं लेते है। संस्था का अपना अपना काम करने का तरीका होता है। जैसे की दिल्ली एनसीआर में एक संस्था है जेनेसिस जेनेसिस फाऊंडेशन के पास पूरे भारत 33 से भी ज्यादा पार्टनर हॉस्पिटल है। जहां पर बच्चो का इलाज किया जाता है।

जेनेसिस फाऊंडेशन से सम्पर्क करने के कई माध्यम है , फोन, व्हाट्सएप, ईमेल, सोशल मीडिया इत्यादि।

जेनेसिस फाऊंडेशन किस तरह से जन्मजात हृदय दोष को इलाज करवाने में मदद करता है  :-

जब कोई व्यक्ति अपने बच्चे के इलाज के लिए जेनेसिस फाऊंडेशन से सम्पर्क करता है, तो जेनेसिस फाऊंडेशन अपने पार्टनर हॉस्पिटल से कंसल्ट करते हैं। जेनेसिस फाऊंडेशन हमेशा गरीबी परिवार वालो की ही मदद करता है। इसलिए फाउन्डेशन कुछ डॉक्यूमेंट लेते है परिवार वालो से , वेरिफिकेशन के लिए। जैसे ही डॉक्टर बच्चे का मेडिकल रिपोर्ट्स देख लेते है और बच्चे को ठीक करने के लिए ऑपरेशन के लिए बोलते है तो इस समय जेनेसिस फाऊंडेशन उस बच्चे के इलाज के लिए परिवार वालो की मदद करते है। बिना एक पैसे लिए जेनेसिस फाऊंडेशन हमेशा ही गरीबों को मदद करता आया है।

जन्मजात हृदय दोष का उपचार होने के बाद किस प्रकार से बच्चे का ध्यान रखे :-

यदि बच्चे का जन्मजात हृदय दोष ठीक करने के लिए ऑपरेशन हुआ है तो , बच्चे के पास जाने से मुंह को किसी चीज से कवर कर ले।

  • बच्चे को छूने से पहले हाथो को अच्छे से साफ कर ले
  • किसी भी बीमार व्यक्ति को बच्चे से न मिलने दे
  • ऑपरेशन के बाद अगर बच्चे को तेज बुखार या बार बार खांसी होने लगे तो उस समय तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें
  • डॉक्टर के बताए हुए समय पर बच्चे का चेक अप जरूर करवाए
  • इस प्रकार से बच्चे का स्वास्थ जल्दी ठीक हो जायेगा।

जागरूकता :-

  • जन्मजात हृदय दोष का इलाज आज के युग में संभव है। इसलिए अगर किसी बच्चे को ये समस्या हो तो उनके परिवार वालो को अच्छे से इसके बारे में जानकारी देना चाहिए।
  • सरकारी और गैर सरकारी संस्थाओं के बारे में बताना चाहिए।
  • बच्चों के दिल में छेद के लक्षण और इलाज के बारे में लोगो में जागरूक होनी चाहिए।
  • गर्भावस्था के दौरान किस किस बातों का ध्यान रखना चाहिए।
  • यदि गर्भ में ही बच्चे को हृदय दोष हो गया तो इस समय गर्भवती मां को अपने डॉक्टर से अच्छे से जानकारी लेना चाहिए, ताकि जन्म के बाद बच्चे को तुरंत इलाज करवा सके।

इस प्रकार से हम किसी जन्मजात बच्चे का उपचार करवा सकते है और लोगों को जागरूक भी कर सकते है

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