दिल में छेद के कारण
March 30, 2024 | Contributed by Rahul Ray
जन्मजात हृदय दोष प्रमुख जन्म दोषों में से एक है। लेकिन समय पर निदान और उपचार से अधिकांश बच्चे बड़े होकर लगभग सामान्य जीवन जी सकते हैं। इसलिए बच्चों के दिल में छेद के लक्षण और इलाज के बारे में पता होना चाहिए।
जन्मजात ह्रदय रोग तब होता है जब गर्भावस्था के दौरान बच्चे के विकास में समस्या होती है । जन्मजात हृदय दोष का कोई ज्ञात कारण नहीं है। लेकिन कुछ कारक इसमें योगदान देने के लिए जाने जाते हैं:
जेनेटिक्स – परिवार में अक्सर ये रोग मौजूद होता है। जिसके कारण ह्रदय रोग की समस्या होने का खतरा ज्यादा होता है।
वायरल संक्रमण – यदि मां रूबेला जैसे कुछ वायरस के संपर्क में आई है, तो इससे भ्रूण में जन्मजात हृदय दोष होने की संभावना बढ़ जाती है।
नशीला पदार्थ – गर्भावस्था के दौरान शराब, धूम्रपान, करना
दवाई – कुछ दवाई ऐसी भी होती है जो गर्भावस्था के दौरान बच्चे के विकास में समस्या पैदा कर देती है। इसलिए गर्भावस्था के दौरान हमेशा दवाई डॉक्टर के निगरानी में ले।
दिल में छेद होने के लक्षण
कभी कभी दिल में छेद होने के लक्षण नहीं दिखाते । वही कुछ ऐसे भी लक्षण होते है जिसके बच्चे के दिल में समस्या का पता चलता है जैसे की :
दिल का जोर जोर से धड़कना – नॉर्मल हार्ट बीट का मुकाबले दिल का तेजी से धड़कना
धड़कन को तेज आवाज – नॉर्मल दिल की धड़कन से ज्यादा हार्ट बीट की आवाज सुनाई देना
इस्तानपन में समस्या – अक्सर छोटे बच्चे जब इस्तानपन करते है तो उनके माथे पर पसीना आने लगता है और रुक रुक लंबी लंबी सांस लेते है और फिर इस्तानपन करते है।
वजन न बढ़ना – बच्चे के खान पान सही होता है फिर भी उनका वजन नहीं बढ़ता है।
थकावट – बच्चे जब थोड़ा सा भी खेलते है या थोड़ा सा भी चलते है, उनकी ऊर्जा सकती कम हो जाती है और वो भी आराम करने लगते है।
बार बार बीमार पड़ना – किसी किसी बच्चो को बार बार निमोनिया होता है, सर्दी जुखाम, बुखार होता है। लगभग पूरे साल साल भर बीमार रहते है।
सांस लेने में परेशानी – अक्सर बच्चे जब खेलते है, दौड़ते है, चलते है, सीढ़ी चढ़ते है तो उनको लंबी लंबी सांस लेना पड़ता है।
त्वचा, नाखून, होंठ नीला पड़ना – किसी किसी बच्चो का ब्लड, गंदा ब्लड और साफ ब्लड एक दूसरे में मिक्स होने लगते है तो उनके नाखून, होंठ, और त्वचा नीले होने लगते है और उन बच्चो को सांस में सबसे ज्यादा परेशानी होती है।
बच्चो को सुरक्षित रखने का उपाय
गर्भावस्था के दौरान – जब कोई महिला गर्भवती हो तो उसको अपने परिवार के सभी बीमारियों के बारे में डॉक्टर के साथ साझा करना चाहिए ताकि डॉक्टर बच्चे को होने वाले जेनेटिक्स बीमारियों से बचा सके। इसके अलावा,समय समय पर डॉक्टर से चेक अप करवाते रहना चाइये और बिना डॉक्टर के परामर्श के कोई भी दवाई न खाएं।
जन्मजात हृदय रोग होने के बाद क्या करे
अगर किसी बच्चे को दिल में छेद होने के लक्षण हो, परिवार वालो को तुरंत किसी बाल हृदय रोग विशेषज्ञ को दिखाना चाहिए। क्योंकि अगर समय पर बच्चे का इलाज करवाते है तो हो सकता है बच्चे का जन्मजात हृदय रोग दवाईयां से बेहतर हो जाए। एक बार डॉक्टर के हस्तक्षेप करने के बाद भी यह सुनिश्चित करने के लिए मेडिकल टीम के संपर्क में रहना महत्वपूर्ण है कि बच्चे का विकास अच्छी तरह से हो रहा है। बच्चे को डॉक्टर द्वारा अनुशंसित भोजन दिया जाना चाहिए और डॉक्टर द्वारा अनुमति दी गई सभी गतिविधियाँ करनी चाहिए। सही और समय पर सहायता से अधिकांश बच्चे सामान्य जीवन जी सकते हैं। बच्चों के दिल में छेद के लक्षण और इलाज के बारे में जानकारी फैलाने में हमारी मदद करें। हम सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम हृदय दोष के साथ पैदा हुए छोटे बच्चों के जीवन को बचा सकते हैं।