अनीषा की कहानी पिता की जुबानी
December 26, 2023 | Contributed by Rahul Ray
ये कहानी है उत्तर प्रदेश के एक छोटे से गांव की जहां पर एक परिवार में 5-7 सदस्य रहते हैं। पति घर के मुखिया है। वो रोज काम करने के लिए ट्रेन मे गांव से दिल्ली आते है। इनके सारे बच्चे पढ़ने मे काफी होशियार हैं। अनकी 1 लड़की की हैंड राइटिंग सबसे अच्छी है। वह घर की सबसे छोटी लड़की है। घर मे सबसे छोटी है इसलिए सब उसको सबसे ज्यादा प्यार करते है। अनीषा (बदलवा नाम) बचपन से ही बहुत बीमार रहती थीं। सर्दी जुखाम, बुखार उसको आएदिन हो जाता था। घर वाले हमेशा उसको दिखाते थे और दवाई दे देते थे। जिससे अनीषा ठीक हो जाती थीं। गांव के डॉक्टर को ये नहीं मालूम था की बार बार सर्दी जुकाम, बुखार किस लिए हो रहा है, ये किस प्रकार के लक्षण है। जैसे जैसे अनीषा बड़ी होती गई उसको चलने दौड़ने में, दिक्कत आने लगी। परिवार वाले बच्चे का इलाज करवा करवा के थक गए थे। लेकिन उसका सही से निदान नहीं हुआ जिसकी वजह से जन्मजात हृदय रोग का इलाज नहीं हो पाया । जब वो 13 साल की हो गई तो किसी ने बताया की दिल्ली में एक अस्पताल है जहाँ पर इस बीमारी का इलाज होता है। बच्चे के पिता ने पैसे उधार लेकर अनीषा को दिल्ली में हॉस्पिटल में लेके आ गए। बच्चे का जब ईको किया गया तो बच्चे के दिल में छेद पाया गया | जिसके कारण उसको ये सारी प्रोब्लम हो रही थी। अनिशा के पिता हैरान थे कि दिल में सुराख कैसे होता है उन्हें नहीं पता था ।
हॉस्पिटल के डॉक्टर ने परिवार वालो को बताया की बच्चे के दिल में छेद है और 4 से 5 लाख का खर्चा हो जायेगा। ये बात सुन कर बच्चे के पिता ने हाथ जोड़ कर कहा कि सर मै परिवार का अकेला कमाने वाला हू इतना सारा पैसे कहा से लेके आ पाऊंगा। बच्चे की कंडीशन देख कर डॉक्टर ने बच्चे के पिता को बोला कि ऐसे भी एनजीओ (NGO) होते है जो बच्चे के हार्ट के प्रॉब्लम के लिए पैसे देते है और उनका इलाज करवाते है। फिर डॉक्टर ने परिवार वालो को अपने सोशल वर्कर के पास भेज दिया। सोशल वर्कर ने परिवार वालो की बात सुना और सीधे जेनिसिस फाउन्डेशन को कॉन्टैक्ट किया।
जेनिसिस फाउन्डेशन ने सोशल वर्कर की बात अच्छे से सुनी और परिवार वालो को कॉल किया और उनको इस बात का आश्वासन दिया कि आपके बच्चे को कुछ नही होगा।
Many parents are fighting to give their child a chance at life. You can help them DONATE NOW
ये बात सुन कर बच्चे के पिता फूले नहीं समा रहा था। परिवार वालो को ऐसा लग रहा था कि भगवान के रूप में कोई आया और उनकी मदद करने लगा। जब अनीषा का जन्मजात हृदय रोग का इलाज हो जाएगा और वो धीरे धीरे अच्छी होने लगी तो परिवार वालो को इतनी खुश हुई कि वो जेनिसिस फाउन्डेशन के लिए नमाज़ पढ़ी और फाउन्डेशन के लिए दुआएं करने लगे।
कुछ साल के बाद अनीषा ने अपने स्कूल में 7 क्लास की परीक्षा में 1st डिवीजन से पास किया और उसको हैंड राइटिंग के लिए एक उपहार दिया गया। जेनिसिस फाउन्डेशन की तरफ से जब उनके परिवार को कॉल किया गया, बच्चे के हाल चाल पूछने के लिए तो उन्होंने हस्ते हुए कहा कि ” सुक्रिया” अगर आप नहीं होते तो आज मेरी बेटी स्वस्थ नहीं होती और न नही अच्छे से पढ़ पाती। अनीषा के पिता ने जेनेसिस फाऊंडेशन को अनगिनत बार धन्यवाद किया और फाउन्डेशन के लिए दुआएं देते रहे। आज अनीषा बा अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में अपने अच्छे शिक्षा पाने के लिए एंट्रेंस एग्जाम की तैयारी कर रही है। जेनिसिस फाउन्डेशन अनीषा को उनकी पढ़ाई के हौसले की सराहना करती है और उनके अच्छे भविष्य के लिए कामना करती है।
अनीषा जैसे और कई बचे हैं जो अपने इलाज के लिए इंतजार कर रहे हैं। अगर आप ऐसे किसी परिवार को जानते हैं तो उन्हें + 91 96506 03438 पर संपर्क करने के लिए बोलें