दिल की सेहत के लिए पौष्टिक आहार: जन्मजात ह्रदय रोग के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू
June 13, 2025 | Contributed by Shivam Gupta
जन्मजात ह्रदय रोग (congenital heart disease) यानी जिसमें बच्चे का ह्रदय जन्म से ही असामान्य रूप से विकसित होता है। यह एक गंभीर स्थिति हो सकती है, जिसमें ह्रदय की संरचना असामान्य होती है। इससे ह्रदय के कार्य पर असर पड़ता है। सही देखभाल और आहार से इन स्थितियों को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है। इस लेख में हम यह जानेंगे कि कैसे पौष्टिक आहार दिल की सेहत को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है, खासकर उन लोगों के लिए जिन्हें जन्मजात ह्रदय रोग है।
जन्मजात ह्रदय रोग के कारण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:
- गर्भावस्था के दौरान शराब और धूम्रपान का सेवन करना।
- गर्भावस्था के दौरान मधुमेह (डायबिटीज) को कंट्रोल ना रखना ।
- गर्भावस्था के दौरान बिना डॉक्टर के परामर्श के दवाइयों का सेवन करना।
- परिवार में दिल से संबंधित समस्या होना।
दिल में छेद होने के लक्षण कुछ इस प्रकार हो सकते हैं:
- अत्यधिक थकान या सांस फूलना
- बार-बार फेफड़ों में संक्रमण होना
- बच्चे का वजन न बढ़ना
- नीली त्वचा या होंठ (साइनोसिस)
- दिल की धड़कन अनियमित होना
- दूध पीते समय बच्चे का जल्दी थक जाना
- बार बार बीमार पड़ना
यदि ये लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत ह्रदय विशेषज्ञ से संपर्क करना चाहिए।
दिल के लिए पौष्टिक आहार: क्यों है जरूरी?
दिल की सेहत बनाए रखने के लिए आहार एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। खासकर उन बच्चों के लिए जिनके पास जन्मजात ह्रदय दोष है, आहार उनकी प्रतिरक्षा शक्ति और ह्रदय के कार्य को बेहतर बनाए रखता है।
- ओमेगा -3 फैटी एसिड युक्त भोजन
स्रोत: अलसी के बीज, अखरोट, मछली (जैसे सैल्मन)
लाभ: सूजन कम करता है और दिल की धड़कन को नियंत्रित करता है।
- फाइबर युक्त आहार
स्रोत: ओट्स, साबुत अनाज, फल-सब्ज़ियाँ
लाभ: कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है।
- एंटीऑक्सीडेंट युक्त खाद्य पदार्थ
स्रोत: बेरीज़, ग्रीन टी, गाजर
लाभ: दिल को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाते हैं।
- सोडियम का सीमित सेवन
अधिक नमक रक्तचाप बढ़ा सकता है, जिससे ह्रदय पर ज़ोर पड़ता है।
- प्रोटीन और आयरन युक्त खाद्य पदार्थ
स्रोत: दालें, हरी पत्तेदार सब्ज़ियाँ, अंडा, मांसाहार (यदि उपयुक्त हो)
लाभ: शरीर में ऊर्जा और रक्त का स्तर बनाए रखते हैं।
नोट: यह जानकारी केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से दी गई है। हर बच्चे की स्वास्थ्य स्थिति अलग होती है, इसलिए कोई भी आहार परिवर्तन शुरू करने से पहले कृपया अपने चिकित्सक या विशेषज्ञ पोषण सलाहकार से परामर्श अवश्य लें। डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही बच्चे के लिए उपयुक्त आहार तय करें, ताकि उसकी सेहत पर सकारात्मक प्रभाव पड़े।
निष्कर्ष: जन्मजात ह्रदय रोग संतुलित और पौष्टिक आहार के ज़रिए काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। समय पर लक्षणों की पहचान, जैसे दिल में छेद होने के लक्षण, और उचित चिकित्सकीय सलाह के साथ यदि आहार पर ध्यान दिया जाए, तो जीवन की गुणवत्ता में सुधार संभव है।
जन्मजात ह्रदय रोग के लिए एक महत्वपूर्ण पहलू
जन्मजात हृदय रोग कई बार जन्म के समय स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाता, लेकिन यदि समय पर निदान हो जाए (जैसे कि नवजात स्क्रीनिंग, इकोकार्डियोग्राफी द्वारा), तो इसका उपचार और जीवन की गुणवत्ता दोनों बेहतर हो सकती हैं। कुछ मामलों में केवल निगरानी पर्याप्त होती है, जबकि कुछ में दवा या सर्जरी की आवश्यकता पड़ती है। एक बार उपचार हो जाने के बाद भी, नियमित रूप से कार्डियोलॉजिस्ट से फॉलो-अप ज़रूरी है।
जेनेसिस फाऊंडेशन किस तरह से जन्मजात हृदय दोष को इलाज करवाने में मदद करता है:-
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