बच्चों के दिल में छेद के लक्षण और इलाज
January 18, 2022 | Contributed by Roop Singh
हृदय मानव शरीर का एक अहम अंग है, जो कि हमारे शरीर में रक्त-प्रभाव को नियंत्रित करता है। ये हमारे पूरे शरीर में रक्त तथा ऊतकों तक ऑक्सीजन व पोषक तत्व पहुंचाने का काम करता है। अगर हमारे हृदय में थोड़ी-सी भी समस्या होती है, तो हमारे स्वास्थ्य पर बहुत गंभीर प्रभाव पड़ता है।
हृदय में छेद एक गंभीर रोग है, जिसे कंजेनिटल हार्ट डिफेक्ट यानि हृदय संबंधी जन्मजात रोग कहते हैं। कभी-कभी शिशु, हृदय की खराबी के साथ पैदा होते हैं या जन्म के समय उनके हृदय की संरचना में खराबी होती है। इस खराबी के कारण हृदय की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है, जो कि सही रक्त प्रभाव पर असर डालती है। यह बीमारी वंशानुगत हो भी सकती है। ऐसा देखा गया है, कि जिन माता-पिताओं में कंजेनिटल हार्ट डिफेक्ट्स होते हैं, उनके बच्चों में भी इसका खतरा होने की संभावना ज्यादा होती है। उदाहरण के लिए, डाउन सिंड्रोम एक वंशानुगत बीमारी है। डाउन सिंड्रोम के साथ पैदा होने वाले ज्यादातर बच्चे कंजेनिटल हार्ट डिफेक्ट के भी शिकार होते हैं। इसके अलावा तंबाकू का सेवन भी शिशुओं में हृदय विकार रोग का कारण बनता है। खासकर अगर गर्भावस्था के दौरान महिला धूम्रपान करती है, तो इसका खतरा अधिक बढ़ जाता है।
बच्चों में हृदय रोग के लक्षण जैसे – मर्मर, तेज साँसे, थकान, होठों, नाखूनों और त्वचा का नीला पड़ जाना इत्यादि हैं। हृदय में छेद का उपचार उसकी गम्भीरता तथा उसके प्रकार पर निर्भर करती हैं ।कुछ शिशुओं में हृदय संबंधी रोग गंभीर नहीं होते हैं जो समय के साथ साथ अपने आप ठीक हो जाते हैं. तथा अन्य शिशुओं में यह गंभीर होते है. जिन्हें सही उपचार की सहायता से ठीक किया जा सकता हैं। बच्चों के दिल में छेद के लक्षण और इलाज की अधिक जानकारी के लिए आप हमारे एनजीओ, जेनेसिस फाउंडेशन से [email protected] पर संपर्क कर सकते हैं या हमारी वेबसाइट www.genesis-foundation.net पर जा सकते हैं।