जन्मजात ह्रदय रोग के इलाज के लिए कौन-कौन सी सर्जरी की जाती हैं?
March 28, 2025 | Contributed by Rahul Ray
जन्मजात हृदय रोग के इलाज के लिए कई प्रकार की सर्जरी की जाती हैं, सर्जरी किस प्रकार की करनी है वो जन्मजात हृदय रोग के गंभीरता के ऊपर निर्भर करता हैं। जैसे कि – ओपन-हार्ट सर्जरी के द्वारा जन्मजात हृदय रोग का इलाज किया जाता है जिसमें एट्रिअल सेप्टल सर्जिकल क्लोजर , वेंट्रीकुलर सेप्टल सर्जिकल क्लोजर, टेट्रालजी ऑफ़ फ़ॉलोट, एट्रियोवेंट्रिकुलर सेप्टल डिफेक्ट ये सभी ओपन हार्ट सर्जरी में आता है।
जन्मजात हृदय रोग को ठीक करने का दूसरा माध्यम कैथेटर-आधारित प्रक्रिया है। जिसमें हार्ट को बिना ओपन किए बच्चे की सर्जरी की जाती है। जैसे कि – वाल्वुलोप्लास्टी, बैलून एट्रियल सेप्टोस्टॉमी और डिवाइस क्लोजर।
तीसरा तरीका होता है पल्लीएटिव सर्जरी जो बच्चों के हार्ट में रक्त के प्रवाह को सही करने के लिए किया जाता है जैसे कि बीटी शंट , ग्लेंन प्रोसीजर और चौथा सर्जरी होता है वाल्व रिप्लेसमेंट और रिपेयर ।
जैसा कि आपको बताया था कि जन्मजात हृदय रोग की गंभीरता को देख कर बच्चे की सर्जरी का प्लान किया जाता है। जन्मजात हृदय रोग होने के कारण और लक्षण क्या होता है आईये समझते है।
जन्मजात ह्रदय रोग के कारण
जन्मजात हृदय रोग के कारण कुछ इस प्रकार हैं-
- जेनेटिक – अगर परिवार मे किसी को हार्ट से संबंधित समस्या हो
- डाउन सिंड्रोम – जेनेटिक डिसऑर्डर जो हार्ट से संबंधित हो
- मधुमेह – गर्भावस्था के दौरान मधुमेह को नियंत्रित न करना
- धूम्रपान और शराब – गर्भावस्था के दौरान धूम्रपान और शराब का सेवन करना
- दवाईयां – गर्भावस्था के दौरान डॉक्टर के बिना परामर्श के दवाईयां खाना
दिल में छेद होने के लक्षण
जन्मजात हृदय होने के बाद आपको बच्चे के अंदर कुछ दिल में छेद होने के लक्षण भी दिखेंगे जो कि कुछ इस प्रकार से हो सकता है – ये सब लक्षण आपको नवजात बच्चे के अंदर देखने को मिलेगा-
- बार बार निमोनिया होना
- बार बार बीमार पड़ना ( सर्दी –जुखाम और बुखार)
- मां का दूध अच्छे से सेवन नहीं कर पाना और रुक रुक कर स्तनपान करना
- मां का दूध सेवन करते समय लंबी लंबी सांस लेना
- माँ का दूध सेवन करते समय माथे पर पसीना आना
- वजन न बढ़ना
- दिल का तेज धड़कना
- हाथों और पैरों के नाखून का नीला होना और होठ भी नीला होना
अगर किसी बच्चे को नवजात शिशु के समय कोई लक्षण न दिखा हो और वो बच्चा बड़ा हो गया हो तो उसके अंदर कुछ इस प्रकार से लक्षण देखने को मिलेगा जैसे कि
- चलते वक़्त, दौड़ते वक़्त और खेलते वक़्त बच्चे को जल्दी थकावट होना और लंबी लंबी सांस लेना
- बार बार बीमार पड़ना जैसे कि सर्दी जुकाम और बुखार होना
- हाथों, पैरों के नाखूनों और होठ का नीला होना
- वजन न बढ़ना
- दिल का तेज धड़कना
- कम भूख लगना
- सीने में दर्द होना
जिस भी बच्चे को जन्मजात हृदय दोष होता है और परिवार वाले किसी कारणवश अपने बच्चे का इलाज नहीं करवा पाते, ऐसे में जेनेसिस फाउंडेशन उस गरीब परिवार के बच्चे का इलाज अपने पार्टनर हॉस्पिटल में करवाते है। अधिक जानकारी के लिए आप https://www.genesis-foundation.net/ पर जा के जेनेसिस फाउंडेशन के बारे में पढ़ और देख सकते है की जेनेसिस फाउंडेशन किस तरह से जन्मजात हृदय दोष के लिए काम कर रहे है।